Friday, 10 June 2016

Humare gaaw mai ek cudail hai

बहुत  पुरानी  बात  है  तब पानी  के  ज्यादा  शाधन नहीं  हुआ  करते  लोग  कुए बाबड़ी  तालाब   आदि   से  पानी   पिया   करते  थे! तो यह कहानी भी एक तालाब की है! जो कि उस काली डायन के जादू से अमृत से ज़हर बन गया था! यह डायन कैसे बनी कैसे इस तालाब का पानी विष बन गया मैं यह कहानी आपको बताता हूँ!एक गाँव मैं एक औरत के कोई  बच्चा नहीं था! वह औरत गांव के मुखिया की पत्नी थी उसके शादी को काफी समय हो गया था! सब लोग उसे बाँझ कहा करते थे!सारे गाँव वाले उसका मुंह भी नहीं देखना कहते थे कहते थे कि इसका मुंह देख लिया तो पूरा दिन बेकार चला जायेगा पर मुखिया कि पत्नी थी इसलिए लोग थोड़ी बहुत बात चीत कर लिया करते थे!एक दिन गांव मैं एक फकीरा बाबा भिक्षा मांगते हुए आ पहुँचता है तो वह बतों ही बातों मैं उसका हाथ देखने लग जाता है! और कहता है आपको बच्चा नहीं है ना वह बोलीआपको कैसे पता चला वह बोला हम हस्त रेखा मैं निपुण है और हाथ देखकर यहबता सकते हैं कि क्या होने वाला है क्या होगा वह बोली अच्छा तो यह बताओकि मेरे बच्चा कब होगा तोउसने कहा आपको भगवान् ने बच्चा तो नहीं दिया पर मैं एक रास्ता बताता हूँ!वह सुनो अमावस्या की रात को किसी एक ऐसे लड़केकि बलि पीपल के पेड़ के नीचे दो!जो अपने माँ बापके एकलोता पुत्र हो औरउसके खून से अपने बाल धोना फिर कहना ए प्यासी आत्माओ यह बलि मेरी तरफ से स्वीकार करो और मुझे एक पुत्र दे दो!एक लोटे मैं उस कुए का  पानी भर कर उस मैं उसके सरीर की दो बून मिला कर खुद पी लेना और उस लड़के के सिर के बाल अपनी साडी की गांठ मैं बंधे रखना तो युम्हे अवस्य एक पुत्र पैदा होगा इतना कहकर वह वहां से भिक्षा लेकर चला गया! उस दिन के ठीक तीन दिन बाद अमावश्या थी उस औरत ने वही किया जो उस बाबा ने बताया था उसने अपने देवरानी के लड़के कि बलि दे दी और खून की दो बूंदे पानी मैं मिलाकर खुद पी लिया और उस सिर के कुछ बाल को काटकर अपनी गांठ मैं बांध लिया और बिना पीछे मुड़े अपने घर आ गयीसुबह गांव बालों को पता चला कि मुखिए के भाई के बेटे को किसी ने मार के वहां फेक रखा हैजब यह बात मुखिए और उसके भाई ने सूनी तो वह नंगे पैर दौड़ पड़े धीरे धीरे सारा गांव इकठ्ठा हो गया उस लड़के की माँ का रो रो बुरा हो गया था!तब किसी व्यक्ति ने हिम्मत जुटाकर उस सिर को धड से जोड़ा और उसे नदी मैं बहाने की सलाह दी वेसा हीकिया लोगो ने उस लाश को पानी मैं बहा दिया!सब लोगयही कह रहे थे किसने कियायह सब कैसे हुआ सब लोगों केलिए यह घटना चिंता का विषय बन गयी थी! जब मुखिया घर पहुंचा तो क्या देखता है की उसकी पत्नी तो पकवान बना रही थी वह बड़ी खुश नज़र आ रही थी मुखिया ने क्रोध मैं कहा क्या तुम्हे इस बात का बिलकुल भी दुःख नहीं है की हमारे भाई का बेटा मर गया है वह पहले ऐसी नज़रों से देखी जैसे की उसे मार ही डालेगी फिरकहने  लगी लड़का उसका मराहै मेरा नहीं मैं क्योँ शोक मनाऊँ और हसने लगी औरकहने लगी तुम पागल हो तुम्हे तो खुस होना चैये की अब तुम्हारे भी एक पुत्र आने वाला है और यह जान कर और ख़ुशी होगी की वह इस जायदात का अकेला वारिस होगा हां हां हां वह फिर ऐसे हसी यह देखकर मुखिया से रहा नहीं गया और उसे जान से मारने के लिए तलवार उठाने चला गया वह अन्दर तलवार ढून्ढ रहा था पर तलवार नहीं मिली!जब वह पत्नी के बेद के पास पहुंचा तो क्या देखता है की सारे कपडे खून से लथपत हैं और तलवारभी वही पडी है और उस पर खून लगा है वह यह सब देखते ही समझ गया की यह सब इसने पुत्र प्राप्ति केलिए बलि दी है उसने उसेमारने का विचार बनाया की अभी मैं इसको मार दूंगा तो सब लोग मुझे गलत समझेंगे!और वह वहां से चला गया उस दिन से गाँव मैं ऐसी ऐसी घटना होने लगी किसी की भैंस मर गयी किसी ने उसे मार डाला और उस के सरीर के अंग इधर-उधर फैले पड़ेजैसे की किसी ने उसे नोच नोच कर खाया हो तो किसी दिन किसी का कुत्ता किसी का बछडा तो किसी की बकरी मर गयी और उसी तरीके से वह  मर रही थी जिस तरीके भैंसको किसी ने मारा था ऐसी घटना से सारा गांव परेशान था किसी को यह समझनहीं आ रहा था की आखिर हो क्या रहा है!एक दिन की बात है मुखिया रात को अपने गेट के पास सोया हुआ था आधी रात के समय उसे गेट खुलने की आवाज आई वह जाग गया उसने देखा की एक औरत बाल फिकरेहुए आधी रात को बहार चली जा रही है देखने मैं तो ऐसा लग रहा था की जैसे उसको कोई खींच कर ले जा रहा हो! भादों(अगस्त) की काली रात थी चरों तरफ से आवाजें आ रही थी कही शियार तो कहीं कुत्ते भोकते ऐसा लग रहा था उसे की जैसे यह रात जाने क्याक़यामत ढायेगी!अचानक उसेएक गाय के बछड़े के रंभाने की आवाज आई वह समझगया हो न हो यही सारे गांव की बर्बादी का कारन हैं! मुखिया के दिमाग मैंएक आइडिया आया की क्योँ नमैं चलकर देखूं की यह कहाँ जाती है! वह उठकर चल दिया उसने आगे चल के क्यादेखा कि पड़ोसी के गाय काबछड़ा का कटा हुआ मुंड पडा है और उसके धड को वह औरत खींचकर पीपल की और लेजा रही हे और ले जा कर उसने वही शब्द दोहराया यह लो प्यासी आत्माओ मैं तुम्हारे लिए भोजन लायी हूँ! मुखिया यह सब नीम के पेड़ से छुपकर देख रहा था! एक दम वह क्या देखता है कि चार काली छाया वहाँप्रकट हुई देखते ही देखते वह ऐसे भयानक सरीर मैं बदल गयी की उसे देखकरउसके सर्रीर के रोयें खड़े हो गए उनके ये बड़े-बड़े दांत लाल-लाल आंखें सरीर पूरा जला हुआ बड़े बड़े नाखून आंखें तो ऐसे चमक रहीं थी की बार-बार बदलने वाली लाइट जल रही हो  इतना भयानक द्रश्य उसने अपनी ज़िन्दगी मैं कभी नहीं देखा था! वह क्या देखता है कि वो चरों भूत और उसकी पत्नी उस लाश को खाने लगी दोनों हाथों से लापा-लप जैसे की कोई भूखाव्यक्ति खाने पर टूट पड़ता है!यह सब देखकर मुखिया के पर के नीचे की ज़मीन खिशक गयी की उसकी पत्नी एक डायन है! जब उन्होंने सारे मांश को नोच-नोच कर खा डाला तब उसने एक भूतों की एक बात सूनी और कहा की बस तीन दिन बाद फिर अमवस्या है और हमारी शक्ति उस दिन बढ़ जायेगी तब हम तुम्हे पुरी शक्ति शोंप देंगे और तुम अपनी मर्जी से कुछभी कर सकती हो तुम गांव वालों को अपनी उंगली पर नाचा सकती हो!उसने यह सब सुनकर सारे गाँव को चोरी-चोरी जगा करके कहा देखो मैं तुम्हे बताता हूँ की तुम्हारी बर्बादी एक डायन की वजह से हुई है! और सब से कहा की अपनी अपनी लाठी उठाओ और चलो मेरे साथ आज उस डायन का अंत हम सब मिलकर करेंगे! और सब भागते हुए उस पीपल की और चल दिए सारे गांव को अपनीतरफ आते देख सारे भूत तो गायब हो गए पर वह डायन खडी रह गयी! मुखिया की पत्नी को इस हालत मैं देखकर सारे गांव वालों के तो होश उड़ गए और वह रुक गए मुखिया ने कहा खड़े क्योँ रह गए यह तुम्हारी मालकिन नहीं डायन है डायन और यह बोलतेहुए सब उसे लाठियों से मारने लगे वह अपनी जान बचाकर भागी और भागते हुए उस कुए मैं जा गिरी उसकी साडी ऊपर अटक गयी और वह चिल्लाने लगी बचाओ बचाओ सारे गांव नव कहा इसे सजाअपने आप मिलेगी लटकी रहने दो इसे वह चिल्लाती रही सारे लोग उसका यह तमाशा देख्र रहे थ!!!

4 comments:

  1. Formula=
    kare-profit
    5-3=2
    so ques......
    Wahi pen 10 rs ka he
    10-2=8
    answer =8 ayega ok

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  2. H0.?@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@
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  3. Jo comments me kar raha hu wo aa bhi rahe he ya nhi tumko

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