हेलो दोस्तों आज मैं आपको एक कहानी सुनाने जा रहा हूं जिसका नाम है सावित्री यह बहुत पुरानी कहानी है तुम्हें आपको ज्यादा टाइम वेस्ट न करते हुए आपको कहानी सुनाता हूं.....
-: प्राचीन काल में हमारे देश के मंत्र देश पर aswpati नाम के एक राजा राज्य करते थ इनकी कन्या का नाम सावित्री था सावित्री बहुत सुंदर और गुणवती थी उसके पिता चाहते थे कि सावित्री को बहुत अच्छा पति मिले एक बार सावित्री तीर्थ यात्रा को गई वन में उसका सत्यवान से परिचय हुआ! सत्यवान के पिता किसी समय salwदेश के राजा थ! उस समय वन में तपस्या कर रहे थे दूसरे दिन सावित्री ने अपने पिता से सत्यवान से विवाह करने की अनुमति मांगी!aswpati बड़े प्रसन्न हुए किंतु जब उन्हें पता चलेगा की सत्यवान की आयु अब अधिक sesh नहीं है तो वह बहुत दुखी हुए लेकिन सावित्री अपनी बात पर डटी रही अंत में aswpati ने विवाह की अनुमति द* दी सत्यवान और सावित्री का विवाह हो गय!ा एक बार. वन में सत्यवान के सिर में भयंकर दर्द उठा और वह बेहोश हो गया! उसी समय यमराज सत्यवान के प्राण लेकर चल दिए! सावित्री भी उनके पीछे-पीछे चल दी यमराज ने सावित्री को वापस करना चाहा किंतु सावित्री ने यमराज का पीछा नहीं छोड़ा! यमराज ने सावित्री को अनेक वरदान भी दिए किंतु सावित्री फिर भी यमराज के पीछे-पीछे चलती रही! यमराज ने सावित्री को फिर समझाया और उससे एक और वरदान मांगने को कहा सावित्री ने कहा कि यदि आप प्रसन्न है तो मुझे यहवरदान दीजिए कि मैं पुत्त वरती हो जाओ यमराज ने यह वरदान भी सावित्री को द* दिया यमराज अब फिर आगे चल दिए किंतु सावित्री वापस नहीं लौटी अब तो यमराज को क्रोध आ गया! उन्होंने फिर सावित्री को लौट जाने को कहा सावित्री बोली धर्मराज आप मुझे पुत्रवती होने का ्आशीर्वाद द* च*** है और मेरे पति को आप अपने साथ लिए जा रहे हैं तब यह कैसे हो सकता है कि मैं पुत्रवती हो जाऊं? यमराज को अब अपनी भूल मालूम हुई उन्होंने सत्यवान के प्राण छोड़ दिए और सत्यवान जीवित हो गया!
शिक्षा-- सावित्री की तरह सच्ची लगन आत्मविश्वास और dardh विचार वाले कठिन से कठिन कार्य को भी पूर्ण करने में सफल हो जाते हैं!!! THE END. .ं
Saturday, 11 June 2016
सावित्री............ की कहानी.
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achha
ReplyDeleteAhbab babu
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